मोदी सरकार की सत्यानाशी नोटबंदी
मोदी सरकार की नोटबंदी की दूसरी बरसी पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलिट ब्यूरो ने 8 नवंबर को निम्रलिखित बयान जारी किया:
नोटबंदी की दूसरी बरसी तक भी भारतीय अर्थव्यवस्था उस सत्यानाश से उबर नहीं पायी है जो प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी अर्थव्यवस्था तथा जनता पर थोपा था।
इस के सारे के सारे वादे सरासर झूठे साबित हुए हैं कि इस नोटबंदी से लाखों करोड़ रु. का काला धन पकड़ा जाएगा और भ्रष्टाचार का अंत हो जाएगा। उल्टे अब जब कि जब्तशुदा नोटों में से 99.4 फीसद बैंकिंग व्यवस्था में लौट आए हैं, यह स्पष्ट है कि नोटबंदी वास्तव में काले धन को सफेद करने का ही जरिया साबित हुई है, जिसने सबसे ज्यादा भ्रष्टों की ही मदद की है। दूसरी ओर, इसने ऐसे करोड़ों लोगों को बर्बाद कर दिया जो रोजाना के नकद लेन-देन पर आश्रित थे और असंगठित क्षेत्र के 35 लाख से ज्यादा मजदूरों से उनका रोजगार छीन लिया। इसी प्रकार, छोटे तथा मंझोले उद्योगों को राजस्व के भारी नुकसान हुआ है। मोदी ने उस समय जो दावा किया था उसके विपरीत, आतंक वादी गतिविधियों की फंडिंग के रुकने के जरिए, इन गतिविधियों पर भी नोटबंदी का कोई असर नहीं पड़ा है। उल्टे, सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि उसके बाद से आतंकवादी हमलों की घटनाएं दोगुनी हो गयी हैं।
2nd anniversary of #demonetisation, the Indian economy is yet to recover from the disaster imposed on our economy & the people by PM Modi.#DemonetisationDisaster #DestructionByDemonetisation https://t.co/dbWtf7yUei
— CPI (M) (@cpimspeak) November 8, 2018
सी पी आइ (एम), वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गए नोटबंदी के शर्मनाक बचाव की भी निंदा करती है। वह भी भारतीय अर्थव्यवस्था की बदहाली के लिए उतने ही जिम्मेदार हैं।
देश भर में जारी अपने अभियानों में सी पी आइ (एम) की इकाइयां, नोटबंदी के सत्यानाश के इन तथ्यों को जनता के बीच ले जा रही है।
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